मंत्रीजी एक कन्या के साथ,आज अपनी रंगी शाम कर रहे है,
जनता करो अभी थोड़ा वेट,मंत्रीजी आराम कर रहे है
गज़ब का जमाना गज़ब का लोकतंत्र,मंत्री नशे में,जनता है त्रस्त,
मर रहा है नाथू,गुड़िया भी है भूखी,ये है नया सरकारी बंदोबस्त
मंत्री जी आजकल ढेर सारी हितकारी नीतियों पे चर्चा कर रहे है,
जनता करो अभी थोड़ा वेट,मंत्रीजी गिरगिट के गुण सिख रहे है
सड़को पे सोते भारत का नज़ारा दम तोड़ते, मरते भारत का नज़ारा,
सायरन बजा देखो मंत्री जी आये,सड़को पे आया जनता का प्यारा
मंत्रीजी देखो कई बन्दुक धारियों के साथ पैदल चल रहे है,
जनता करो अभी थोड़ा वेट ,मंत्रीजी दो चार क़त्ल कर रहे है
कैसा है ये लोकतंत्र और भैया काहे का प्रजातंत्र है,
कोई किताबी बातें है ये या दिल बहलाने का तंत्र है
मौत का सौदा इस देश के नए सौदागर कर रहे है है,
जनता करो अभी थोड़ा वेट,मंत्रीजी देश को बेच रहे है
वेट जनता लोकतंत्र जी भारत में सो रहे है,
बोलो जय वोटतंत्र की जय नोटतंत्र की
आपका नागरिक मित्र
पंकज मणि
जनता करो अभी थोड़ा वेट,मंत्रीजी आराम कर रहे है
गज़ब का जमाना गज़ब का लोकतंत्र,मंत्री नशे में,जनता है त्रस्त,
मर रहा है नाथू,गुड़िया भी है भूखी,ये है नया सरकारी बंदोबस्त
मंत्री जी आजकल ढेर सारी हितकारी नीतियों पे चर्चा कर रहे है,
जनता करो अभी थोड़ा वेट,मंत्रीजी गिरगिट के गुण सिख रहे है
सड़को पे सोते भारत का नज़ारा दम तोड़ते, मरते भारत का नज़ारा,
सायरन बजा देखो मंत्री जी आये,सड़को पे आया जनता का प्यारा
मंत्रीजी देखो कई बन्दुक धारियों के साथ पैदल चल रहे है,
जनता करो अभी थोड़ा वेट ,मंत्रीजी दो चार क़त्ल कर रहे है
कैसा है ये लोकतंत्र और भैया काहे का प्रजातंत्र है,
कोई किताबी बातें है ये या दिल बहलाने का तंत्र है
मौत का सौदा इस देश के नए सौदागर कर रहे है है,
जनता करो अभी थोड़ा वेट,मंत्रीजी देश को बेच रहे है
वेट जनता लोकतंत्र जी भारत में सो रहे है,
बोलो जय वोटतंत्र की जय नोटतंत्र की
आपका नागरिक मित्र
पंकज मणि